1. फरवरी - मार्च में बोये गन्ने में सिंचाई उपरान्त 50 किग्रा० नत्रजन प्रति हे० (110
किग्रा० यूरिया ) जड़ के पास टापड्रेसिंग करें तथा गुड़ाई करें |
2. शरदकालीन गन्ने में सिंचाई करें तथा यदि उर्वरक न दिए हों तो अंतिम टापड्रेसिंग
करें |
3. चोटीबेधक व अंकुरबेधक कीटों के अण्ड समूहों को पत्ती सहित एकत्र कर नष्ट करें |
इन कीटों से ग्रसित पौधों को भूमि सतह से काटकर नष्ट करें या चारे में प्रयोग करें
|
4. पेडी गन्ना में यदि काला चिकटा कीट का आपतन हो तो इन्डोसल्फान 35 ई० सी० का 670
मि०ली० दवा प्रति हे० 2% यूरिया के घोल में मिलाकर छिडकाव करें| छिडकाव के समय खेत
में नमी का रहना आवश्यक है |
5. देर से बोये गए गन्ने में सिंचाई करें तथा खरपतवार हेतु आवश्यकनुसार गुड़ाई करें
|
6. यदि अप्रैल माह में जैव उर्वरक एजोटोबैक्टर व पी० एस० बी० का प्रयोग न किया गया
हो तो अप्रैल माह में वर्णित प्रक्रियानुसार प्रयोग करें | इससे 25% उर्वरक की बचत
के साथ - साथ 10 से 12% अधिक गन्ना उपज प्राप्त होती है |